गुरु तेगबहादुर, किसान, और पंजाब



 दिखी न दूजी जाति कहुँ , सिक्खन -सी मजबूत , 

 तेग बहादुर - सो पिता , गुरुगोविंद सो पूत ।


 धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहीदी दिवस पर मन में कुछ विचार आए। गुरु तेगबहादुर जी ने धर्म एवं संस्कृति के रक्षार्थ मुगलों के आगे कभी हार नहीं मानी। हाल में हमने देखा कि किस प्रकार से पंजाब के मजबूत समृद्ध किसानों ने राजनीतिक आंदोलन के नाम पर किसान कानून को निरस्त करवा दिया। हालांकि इस कानून को वापस करके सरकार ने कुछ नया तो नहीं किया, क्योंकि तीनों कानून पहले ही सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के कारण लंबित थे। पर आंदोलनजीवियों की राजनीतिक हठधर्मिता के कारण इस कानून में किसी भी प्रकार से संतुलन भी नही लाया जा सका था। अब सरकार ने एक राजनीतिक निर्णय के तहत इसे वापस ले लिया है, जिसे हठधर्मी किसान नेताओं की जीत मानी जा सकती है। अब आते है मूल बात पर। इस हठधर्मिता का अभिनंदन! पंजाबी समुदाय अपनी जिद, दृढ़ता, बहादुरी एवं मेहनत के कारण जाना जाता है। इस समुदाय ने अपनी इन्हीं गुणों के कारण पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया है। इस आंदोलन में हासिल जीत भी उनकी इसी दृढता का परिचायक है। अब अनुरोध है इस समुदाय से कि देश के बंटवारे ने भारत विशेष रूप से इस समुदाय का बहुत अधिक नुकसान किया है। भारतीय समाज के महान संत गुरुनानक जी की जन्म स्थली और प्रभु श्रीराम के सुपुत्र लव द्वारा स्थापित शहर को हमसे छीन लिया है। अब इसे पाने हेतु एक ऐतिहासिक दृढता की जरूरत है जिस हेतु पूरा भारत आपके साथ खड़ा होगा। इस हेतु पहली जरूरत यह है कि यह समुदाय धर्म आधारित भारत के विभाजन का विरोध करें और पूरे पंजाब को भारतीय गणराज्य का हिस्सा बनाने हेतु आंदोलन करें । अविभाजित भारत के समृद्ध टुकड़े को फिर से एक करने हेतु आपको पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा से कार्य करना होगा । चाहे इसके लिए संयुक्त राष्ट्र संघ तक क्यों न जाना पड़े। आप अपने जिद एवं समर्पण से इस कार्य को कर सकते है। जिस प्रकार से आपने इस कानून को निरस्त कराने में योगदान दिया, अब आप पाकिस्तान पर दबाव बनाए कि वे भारतीय संस्कृति के इस खंड को वापस करें , इससे अखंड भारत के निर्माण का एक बड़ा मार्ग प्रशस्त होगा । जय हिंद! जय भारत !! #साकेत_विचार #पंजाब #किसान #देश_विभाजन

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