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Showing posts from January, 2023

"महात्मा गांधी जी की राष्ट्रभाषा की परिकल्पना"

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 "महात्मा गांधी जी की राष्ट्रभाषा की परिकल्पना" स्वभाषा के प्रयोग और व्यवहार से समाज सशक्त बनता है । राष्ट्रभाषा हिंदी को प्रयोग और व्यवहार में लाकर महात्मा गाँधी ने हिंदी की महत्ता को सशक्तता प्रदान की।  एक बार काका कालेलकर ने गांधीजी से पूछा कि विष्णु शास्त्री चिपलूणकर महाराष्ट्र के महान् देशभक्त और मराठी के सुप्रसिद्ध लेखक तथा संपादक होते हुए भी अंग्रेज़ी के कट्टर समर्थक क्यों थे और अंग्रेज़ी को शेरनी का दूध क्यों कहा करते थे । हाज़िरजवाब गांधीजी ने तपाक से उत्तर दिया- " ठीक तो है , शेरनी के बच्चे को ही शेरनी का दूध हज़म होगा और उसे ही फायदा भी करेगा । आदमी के लिए तो माता का दूध ही सबसे अच्छा है । हम अपने को शेर नहीं बनाना चाहते । हमारी संस्कृति की जो विरासत है , वह हमें संस्कृत , हिन्दी और गुजराती ( स्वदेशी भाषाओं ) के माध्यम से ही मिल सकती है । हमारे साहित्य और भाषा में अगर कोई कमी है तो उसे दूर करने में ही हमारा पुरुषार्थ है । अंग्रेज़ी ने पुरुषार्थ के बल पर ही अपना साहित्य और प्रभाव बढ़ाया । अगर हम अंग्रेज़ी को अपनी मातृभाषा बनायेंगे तो वह हमारे लिए सांस्कृतिक आत्

गणतंत्र दिवस की शुभकामना!

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  सभी भारतवासियों को गणतंत्र पर्व एवं वसंत पंचमी की हार्दिक बधाई और अनंत अशेष मंगलकामना!  यह सुखद संयोग है कि आज विद्या, बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती की पूजन तिथि है। साथ ही आज का दिन हम सभी के लिए बेहद खास हैं क्योंकि आज ही के दिन यानी 26 जनवरी,1950 को हमने अपना संविधान अपनाया और राष्ट्र निर्माण की तरफ अपने कदम बढ़ाए।  आइए, आज हम अपने संविधान निर्माताओं द्वारा किए गए महान कार्य और उनकी दूरदर्शिता को नमन करें।  26 जनवरी एक ऐसा दिन है जब प्रत्येक भारतीय के मन में देश भक्ति की लहर और मातृभूमि के प्रति अपार स्नेह भर उठता है। ऐसी अनेक महत्त्वपूर्ण स्मृतियां हैं जो इस दिन के साथ जुड़ी हुई है। 26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू हुआ और इस प्रकार सदियों की पराधीनता के बाद दुनिया के समक्ष भारत एक संप्रभुताशाली, समाजवादी, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में अस्तित्व में आया। गणतंत्र दिवस का अवसर हमें देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले महान शहीदों की याद दिलाता है। पहली बार 21 तोपों की सलामी के बाद राष्ट्रीय ध्वज को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने फहराकर 26 जनवरी, 19

विश्व हिन्दी दिवस-२०२३

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 'भाषा विश्वं योजयति' अर्थात् भाषा विश्व को जोड़ती है :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  विश्व हिन्दी दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभकामना संदेश दिया है। आप सभी को विश्व हिंदी दिवस  की हार्दिक शुभकामनाएं ।! यह प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य विश्‍व भर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए वातावरण निर्मित‍ करना और हिंदी को अंतरराष्‍ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में भारतीय  दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं।विश्व हिंदी दिवस की मनाने की शुरुआत भुतपूर्व प्रधानमंत्री डॉक्‍टर मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी, 2006 को की थी। तभी से हर वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। आइये जानते हैं विश्व हिंदी दिवस से जुड़ी कुछ बातें। 1. दुनिया भर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए पहला विश्‍व हिंदी सम्‍मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया था. इसलिए इस दिन को विश्‍व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। 2006 के बाद से हर साल 10 जनवरी को विश्वभर में विश्व हिंदी दिवस