मेरी स्वरचित कविता-जिंदगी एक सपर




जिंदगी कई नए रंग देती है। यह  रंग हमें  जीवन यात्रा को देखने, महसूस करने का अवसर देती है। वास्तव में हम सभी एक यात्री के रूप में इस सफर को महसूस करते है। यहीं तो जिंदगी है। आइए महसूस करते है इस कविता के माध्यम से- मेरी स्वरचित कविता 

सफर सफर इच्छाओं का 

सफर आकांक्षाओं का सफर 

अरमानों का सफर

उम्मीदों का सफर 

ना-उम्मीदों का सफर 

आशावाद का सफर 

प्रतीकवाद का सफर 

बचपन का सफर 

जवानी का सफर 

बुढ़ापे का सफर

 जीवन के हर मोड़ का सफर 

बदलाव का सफर 

नए आयाम का सफर 

कुछ पाने का 

कुछ खोने का सफर

 ग़ैरत का सफर 

बेगैरत का सफर 

तनाव का सफर 

कुछ खोकर पाने का सफर

कुछ देकर पाने का सफर 

अपने को खोकर 

 स्वयं को पाने का सफर 

खुशियों का सफर

गमों का सफर 

इन सब में 

संतुलन बनाने का सफर 

स्वयं को स्थापित करने का सफर 

अपने अधिकारों को पाने का सफर 

अपने कर्तव्यों को जानने का सफर 

जिम्मेदारियों का सफर 

खुद के बडे होने का सफर 

बड़ो से सीखने का सफर 

छोटे से बड़े बन जाने का सफर 

मानवता का सफर

 बराबरी का सफर 

दूसरों के हकों के लिए 

लड़ने का सफर 

स्वयं को बचाने का सफर 

खुद को समझने का सफर 

खुद को जानने का सफर 

यादों का सफर 

उम्मीदों का सफर 

कुछ पाने का सफर 

जीवन में कुछ बनने का सफर 

मन का सफर 

भाव का सफर 

रोमांच का सफर 

जो पा लिया 

उस सफर के अनुभव का 

जो नहीं पाया 

उस सफर के स्वप्न-पथ का सफर 

मिट्टी में मिल जाने

यही तो है जिंदगी का सफर 

#जिंदगी एक सफर 

©डाॅ. साकेत सहाय 



#साकेत_विचार

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