देशरत्न डाॅ राजेन्द्र प्रसाद

 महान स्वाधीनता सेनानी, त्याग एवं सादगी की प्रतिमूर्ति, संविधान निर्माता देशरत्न डाॅ राजेन्द्र प्रसाद की जयंती पर शत शत नमन! भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे, देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र बाबू महात्मा गांधी की निष्ठा, समर्पण और साहस से काफी प्रभावित थे। स्वदेशी आंदोलन के अगुआ रहे राजेन्द्र बाबु वर्ष 1928 में कोलकाता विश्वविद्यालय के सीनेटर का पदत्याग कर दिए। गांधीजी द्वारा जब विदेशी संस्थाओं के बहिष्कार का अपील किया गया तो उन्होंने उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अपने पुत्र मृत्युंजय प्रसाद, जो एक अत्यंत मेधावी छात्र थे, को कोलकाता विश्वविद्यालय से हटाकर बिहार विद्यापीठ में नामांकन करवाया था। 



 जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। -देशरत्न डाॅ राजेन्द्र प्रसाद

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