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Showing posts from May, 2024

माता सीता

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 जीवन का पाथेय यदि भगवान श्रीराम हैं तो उन तक पहुँचने का मार्ग केवल माता सीता हैं।  वह श्रीराम की लीला सहचरी हैं।  माता के चरणों की वन्दना करते हुए मानस में कहा गया है - सती सिरोमनि सिय गुनगाथा।   सोइ गुन अमल अनुपम गाथा।।  सीता जी के कर्म और धर्म के संतुलन में समन्वय और सहयोग के कारण ही श्रीराम ने जीवन में नायक की मर्यादा स्थापित की। प्रभु श्रीराम सदैव ही विश्वास करने योग्य हैं। वह मर्यादा के प्रतिमान है इसलिए भगवान है।  जबकि माता स्वतंत्र हैं विदेह सुता हैं।  इसलिए वह भगवती हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की अर्द्धांगिनी माता सीता को धार्मिक गाथाओं में सौभाग्य की देवी और माता लक्ष्मी का अवतार भी कहा गया है।  शक्ति, सेवा, संयम, समर्पण एवं सद्भाव से परिपूर्ण माता सीता का जीवन नारी सशक्तीकरण एवं आदर्श का प्रतीक तथा संपूर्ण मानव जाति के लिए प्रेरणा का स्रोत है।   माँ जानकी भारतीय नारी का आदर्श तथा त्याग, तपस्या, संयम, साधना, धैर्य और प्रेम की प्रतिमूर्ति हैं।  माता सीता ने जीवन की चुनौतियों, संघर्षों एवं क्लेशों का साहसपूर्वक सामना करते हुए अपने सभी कर्तव्यों का पालन पूर्ण समर्पण के

फाँसी की बलिवेदी पर चढ़ने वाले बिहार के प्रथम शहीद रामदेनी सिंह

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आज शहीद रामदेनी सिंह जी का शहीदी दिवस है।  वर्ष 1904 में मलखाचक, दिघवारा, सारण में जन्मे रामदेनी सिंह जी की काकोरी कांड में महत्वपूर्ण भूमिका रही।  आप बिहार के प्रथम स्वतन्त्रता सेनानी हैं जिन्हें फांसी की सजा हुई थी।  सरदार भगत सिंह ने आपकी बहादुरी की सराहना करते हुए उन्हें  सारण का एरिया कमांडर मनोनीत किया था।  आपको शत शत नमन ! साभार- दैनिक भास्कर ०४.०५.२०२० जरा याद करो कुर्बानी: बिहार के प्रथम शहीद थे सारण के रामदेनी सिंह भारत माता का जयघोष कर फांसी के फंदे को चूम कर झूल जाने वाले रामदेनी सिंह थे “वहां न कोई तुरबत है और न इंकलाबे-मशाल। उनके मजारों पर दिलकश नजारा है ‘ राणा परमार’  जो वतन के साथ मक्कारी की और आज है माला माल जी हां सारण के दिघवारा प्रखंड का मलखाचक गांव भी नहीं जानता कि बिहार में इंकलाब जिंदाबाद! वंदेमातरम!! भारत माता की जय का जयघोष कर फांसी के फंदे को चूम कर झूल जाने वाला और कोई नहीं सारण शेर ठाकुर रामदेनी सिंह था। लाहौर षड्यंत्र, चौराचौरी कांड, काकोरी षड्यंत्र से उद्वेलित ठाकुर रामदेनी सिंह के धमनियों का लहू उबलने लगा और अपने मित्र व वैशाली एरिया कमांडर योगेन्द्र शुक्