हिंदी विश्व में भारतीय अस्मिता की पहचान है। हिंदी भारत की राजभाषा,राष्ट्रभाषा से आगे विश्वभाषा बनने की ओर अग्रसर है।
अमृत काल में हिन्दी
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मित्रो आज के दैनिक अमृत विचार के संपादकीय अग्रलेख के रूप में ' अमृत काल में हिन्दी ' शीर्षक से मेरा आलेख प्रकाशित हुआ है जो आप सभी के अवलोकनार्थ प्रस्तुत है।
आज महान देशभक्त, भारतरत्न, भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की १२१वीं जयंती है। भारत-पाक युद्ध में जय जवान! जय किसान! का उद्घोष करने वाले शास्त्रीजी की जयंती पर उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को शत शत नमन! आज बहुत कम लोगों को यह ज्ञात होगा कि वे पंजाब नैशनल बैंक के निष्ठावान ग्राहक भी रहे। इस पुण्य अवसर पर शास्त्री जी से जुड़ा यह संस्मरण हम सभी के लिए प्रेरक कथा की भांति है। तथ्य यह है कि अपनी सादगी भरी जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध शास्त्री जी की पत्नी ललिता शास्त्री जी ने लाल बहादुर शास्त्री जी के ताशकंद में हुए असामयिक निधन के बाद पीएनबी से लिए गए कार लोन की बची हुई ₹5,000 की राशि को सरकार से ऋण माफ़ी की मिली पेशकश को मना कर अपनी बची हुई पेंशन राशि से चुकाई थी। यह उनके कर्तव्यनिष्ठा का शानदार उदाहरण है। शास्त्री जी के कार ख़रीदने से जुड़े वाक़ये को सुनकर हम सभी बहुत कुछ सीख सकते हैं। यह घटना वर्ष 1964 की है। चूँकि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी शास्त्री जी के पास अपना घर तो क्या एक कार तक नहीं थी। लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को वाराणसी के पास ...
#विभाजन_विभीषिका_स्मृति_दिवस आज ही के दिन भारत के दो टुकड़े कर दिए गए । इस काले दिवस को हमें इस बात हेतु भी याद करना चाहिए कि हमारी अंग्रेजों के प्रति अंधभक्ति और सत्ता का लालच किस प्रकार से एक देश के सपनों को विभाजित कर सकती हैं । क्या शहीदों ने इसी विभाजन के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया था? स्वतंत्रता के बाद इस देश को विभाजन की विभीषिका पर गहराई से मंथन करना जरूरी था। स्वाधीनता प्राप्ति के पूर्व यह दिवस आधी खुशी के साथ देशवासियों को जीवन भर का टीस दे गया । जब एक ही माटी की साझी परंपरा और विरासत को किसी और एजेण्डे के तहत बांट दिए गए । इसका दोहराव न हो इस हेतु हम सभी को सचेत रहना होगा, क्योंकि पाकिस्तान एक दिन में नहीं बना था । सदियों से साथ रहे लोगों को नियोजित विषवमन के साथ बांटने का दुष्परिणाम अविभाजित भारत अपने विभाजन के बाद से ही भुगत रहा है। ब्रिटिशों और यहाँ के गद्दारों ने मिलकर देश बांटा, जिसका खामियाजा किस हद तक यह देश, समाज भुगत रहा है, इसके तटस्थ मूल्यांकन की भी आवश्यकता है। पाकिस्तान धर्म से अधिक अंधी पहचान, सत्ता...
विनम्र श्रद्धांजलि! महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह की आज पुण्यतिथि है। उन्होंने प्रसिद्ध वैज्ञानिक आंइस्टीन के सिद्धांत को चुनौती दी थी। स्वर्गीय वशिष्ठ नारायण सिंह इस देश व विशेष रूप से बिहार प्रदेश की दुर्व्यवस्था के शिकार होकर 40 वर्षों से अधिक मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया से पीड़ित रहे और असमय ही यह देश उनकी प्रतिभा, ज्ञान के उपयोग से वंचित रहा। इसे किसका दुर्भाग्य माना जाए? अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक। अति पिछड़ा या महादलित। कांग्रेस या राजद बीजेपी या जेडीयू। इस हमाम में सभी नंगे खड़े नज़र आयेंगे। उनकी अकाल मृत्यु इस देश की व्यवस्था में व्याप्त अनैतिकता एवं असमानता पर बहस एवं विरोध की मांग करती है। शिक्षा में इलीट समझे जाने वाले लोग किस प्रकार से कमजोर व दलित (कृपया इसे किसी जाति समूह से न जोड़े) लोगों का शोषण करते है उनकी ' मृत्यु गाथा" 🥲 इस ओर इशारा करती है। वक्त की मांग है कि शिक्षा में राजनीतिक हस्तक्षेप एवं वर्गभेद समाप्त हो। सभी को समान अवसर मिले। साथ ही देशी भाषाओं में शिक्षा प्रदान करने हेतु हम सभी अपने अपने स्तर पर कार्य करें । प्रदेश की सर...
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