इलेक्ट्रॉनिक मीडिया: भाषिक संस्कार एवं संस्कृति अब ई-बुक के रूप में उपलब्ध

 सभी सम्मानित जनों को नमस्कार,





वर्ष २०१८ में मेरी पहली पुस्तक ‘इलेक्ट्रॉनिक मीडिया : भाषिक संस्कार एवं संस्कृति’ का विमोचन विश्व हिंदी सम्मेलन, मॉरीशस में किया गया था । तब से हिंदी साहित्य के कथेतर श्रेणी में जितना सम्मान इस पुस्तक को मिला, मैंने कभी उसकी कल्पना भी नही की थी। समीक्षकों के अनुसार, इस विषय पर यह विशेष पठनीय पुस्तक है । मीडिया अध्ययन की शीर्ष पुस्तकों में इसे स्थान मिला । पुस्तक दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी, संस्कृति मंत्रालय,  भारत  सरकार  से  वर्ष  २०२१ में साहित्य श्री कृति सम्मान से सम्मानित हुई । पुस्तक की समीक्षा देश के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं यथा, इंडिया टुडे, जनसत्ता, नवभारत टाइम्स, हिंदुस्तान राष्ट्रीय सहारा, जनसंदेश टाइम्स आदि में  प्रकाशित हुई । पुस्तक मुंबई विश्वविद्यालय, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय समेत देश के पाँच प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में भी शामिल है।

पुस्तक 'इलेक्ट्रॉनिक मीडियाः भाषिक संस्कार एवं संस्कृति' भाषा, कला, बाजार,आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक परिदृश्य, सोशल मीडिया तथा समाज से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का जो नाभिनाल का संबंध है, इसे बखूबी रेखांकित करती है तथा इसकी दशा-दिशा, भाषा, संस्कार की वजह से विकसित हो रही एक नई संस्कृति का सूक्ष्म एवं बारीक विश्लेषण प्रस्तुत करती है।

पुस्तक प्रयोजनमूलक हिंदी, भाषा एवं जनसंचार के विधार्थियों के लिए बेहद उपयोगी है। पुस्तक में रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा, सोशल मीडिया, समाचार चैनल इत्यादि विभिन्न माध्यमों से संबंधित विस्तार से  जानकारी पाठकों के लिए उपलब्ध है।  पुस्तक अब पाठकों के  लिए e-book के रूप में NotNul पर उपलब्ध है । आप सब इसे NotNul पर पढ़ सकते हैं । जब मन पढ़ने को हो तो इस link को click करें -

https://notnul.com/Pages/Book-Details.aspx?ShortCode=q7vGktoR


आप सभी से अनुरोध है कि पुस्तक को पढकर अपना बहुमूल्य मत


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