हिंदी का प्रहसन और अंग्रेजी
#हिंदीराष्ट्रभाषा
हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए राष्ट्रीय संवाद आवश्यक है।
अन्य भारतीय भाषाओं का भी समान आदर और संरक्षण जरूरी है ।
शिक्षा, तकनीक और न्याय में हिंदी की समान भागीदारी बढ़ाई जाए।
कृत्रिम मेधा (एआई ) तथा डिजिटल टूल्स में हिंदी को प्राथमिकता देनी होगी ।
और सबसे जरूरी चरणवार तरीके से अंग्रेजी और अंग्रेजियत को विस्थापित करना होगा ।
अंग्रेजी मात्र एक भाषा है उसे आप कभी भी सीख सकते हैं ।
यदि नहीं कर सकते तो फिर सारे ड्रामा ख़त्म करें और अंग्रेजी को ही राष्ट्रभाषा घोषित कर दें । इस देश की अघोषित राष्ट्रभाषा अंग्रेजी ही है । जिसके विरोध में कोई नही है । हमारी व्यवस्था बस हिंदी को काग़ज़ी तंत्र और वोट तंत्र में उलझाना चाहती है । अत: अंग्रेजी को ही राष्ट्रभाषा घोषित कर देनी चाहिए। वैसे भी इस देश के हर महत्वाकांक्षी व्यक्ति में अंग्रेजी का मोह व्याप्त है और दुर्भाग्यपूर्ण पक्ष यह भी है कि आज वही सफल है जो अपनी आकांक्षाओं को येन-केन प्रकारेण लागू करवा लेता है ।
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हिंदी का प्रहसन और राष्ट्रभाषा
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