हिंदी और हिंदीतर का विभाजन

 




यह सर्वविदित है कि भारत की एकता उसकी भाषिक समरसता में है। इस समरसता का बेहतर प्रतिनिधित्व हिंदी से ही संभव है । हिंदी ने इसे सिद्ध भी किया है । हिंदी व्यवहार, कारोबार और संवाद में निर्विवाद रूप से इस देश की अग्रणी भाषा है । हिंदी किसी एक क्षेत्र की भाषा नहीं है यह तो पूरे देश को जोड़ने वाली भाषा है ।

फिर इस देश में हिंदी और हिंदीतर का विभाजन क्यों है ? इस मलाईदार विभाजन को बंद किया जाए। भाषा प्रलोभनों से कभी आगे नहीं बढ़ती । इस प्रकार के विभाजनों से हिंदी कमजोर ही हुई है और कुछ हिंदीतर हिंदी के नाम पर अपना भला करते रहे । हिंदी सबकी है अत : इस कृत्रिम विभाजन को बंद किया जाए ।

जय हिंद! जय हिंदी!!

साकेत सहाय

#साकेत_विचार 

#हिंदीराष्ट्रभाषा #हिंदी 

#hindiसंपर्क

#हिंदी #हिंदीतर

Comments

Popular posts from this blog

लाल बहादुर शास्त्री - पंजाब नैशनल बैंक के कर्त्तव्यनिष्ठ ग्राहक

भारतीय मानक ब्यूरो (बी आई एस) में व्याख्यान

प्रयागराज कुंभ हादसा-एक अनहोनी थी, जो घट गई।