बीजू पट्टनायक स्मृति दिवस

 बीजू पटनायक जी का स्मृति दिवस




आज प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ, स्वाधीनता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं उड़ीसा के भूतपूर्व मुख्यमंत्री बीजू  जी की जयंती है। उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को नमन। ज्ञात हो कि हिन्देशिया या इन्डोनेशिया ने उनके त्याग को नमन करते हुए उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भूमिपुत्र’ से नवाजा था। उनकी जयंती पर उनसे जुड़ी प्रेरक बातें- 


वे भारत के एकमात्र ऐसे व्यक्ति है जिनके निधन पर उनके पार्थिव शरीर को उनकी मातृभूमि के अतिरिक्त दो देशों रूस और इंडोनेशिया के राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा गया था।


बीजू पटनायक जी एक अनुभवी पायलट थे । जब द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सोवियत संघ संकट में घिरा था तब उन्होंने लड़ाकू विमान डकोटा उड़ा कर हिटलर की सेनाओं पर बमबारी की जिससे हिटलर पीछे हटने को मजबूर हुआ था। उनकी इस बहादुरी पर उन्हें सोवियत संघ का सर्वोच्च पुरस्कार भी दिया गया था और सोवियत संघ ने उन्हें अपनी नागरिकता भी प्रदान की थी।  


कश्मीर पर जब कबायलियों के वेश में पाकिस्तानी सेना ने आक्रमण किया था तब बीजू पटनायक जी ने एक पायलट के रूप में भारतीय सेना का अनथक सहयोग किया और अपने सैनिकों को श्रीनगर पहुंचाया था l


इंडोनेशिया कभी डच यानी हालैंड का उपनिवेश था । डचों ने इंडोनेशिया के काफी बड़े इलाके पर कब्जा किया था । डच सैनिकों ने इंडोनेशिया की संपूर्ण समुद्री सीमा को भी अपने नियंत्रण में रखा था । किसी भी इंडोनेशियन नागरिक को बाहर जाने की अनुमति नहीं थी।  उस वक्त इंडोनेशिया के प्रधानमंत्री को एक कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए भारत आना था लेकिन डचों ने इसकी इजाजत नहीं दी थी।  इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो ने भारत से मदद मांगी और इंडोनेशिया के स्वाधीनता सेनानियों ने बीजू पटनायक से मदद मांगी। बीजू पटनायक एवं उनकी पत्नी ने अपनी जान की परवाह किए बगैर एक डकोटा प्लेन से डच नियंत्रण क्षेत्र के ऊपर से उड़ान भरी और अदम्य साहस एवं बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए इंडोनेशिया के प्रधानमंत्री को सिंगापुर होते हुए सुरक्षित भारत लेकर आए। इससे इंडोनेशिया के लोगों में असीम ऊर्जा का संचार हुआ और उन्होंने स्वाधीनता प्राप्ति हेतु डच सैनिकों पर धावा बोला । काफ़ी संघर्ष के बाद इंडोनेशिया एक पूर्ण आजाद देश बना। बाद में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी हुई तब उन्होंने उसके नामकरण हेतु बीजू पटनायक और उनकी पत्नी को बुलाया ।  बीजू पटनायक और उनकी पत्नी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की बेटी का नाम मेघवती रखा था। इंडोनेशिया ने बीजू पटनायक और उनकी पत्नी को अपने देश की नागरिकता सम्मान स्वरूप प्रदान की थी।


बीजू पटनायक जी के निधन के बाद इंडोनेशिया में सात दिनों का राजकीय शोक मनाया गया था और रूस में एक दिन का राजकीय शोक मनाया गया ।  उस दिन देश के सारे झंडे झुका दिए गए थे।


देश के ऐसे महान सपूत पर हम सभी को गर्व है। 

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