नरगिस दत्त- एक महान अदाकारा





 भारतीय सिनेमा जगत को अपने मार्मिक एवं जीवंत अभिनय से गौरवान्वित करने वाली नरगिस जी का आज जन्मदिन है। अपनी शानदार अदाकारी से सिने प्रेमियों के दिलों पर वे दशकों तक राज करती रही। अपने अभिनय से वे प्रत्येक भूमिका में जान डाल देती थीं।   नरगिस एक हिन्दू पिता की संतान थीं तथा वाराणसी शहर से उनका नजदीकी नाता था। पहली बार प्रसिद्ध फिल्म निर्माता एवं निर्देशक महबूब खान ने उन्हें अपनी फिल्म 'तकदीर' में अवसर दिया था। वर्ष 1949 में राज कपूर के साथ उनकी कई शानदार फ़िल्में बरसात, अंदाज आईं जिनकी सफलता ने उन्हें स्थापित  अभिनेत्रियों की श्रेणी में अग्रिम प॔क्ति में ला खड़ा किया।   

निर्माता, निर्देशक, अभिनेता राज कपूर के साथ उन्होंने लगभग 55 फिल्मों में साथ काम किया। वर्ष 1956 में आई फिल्म 'चोरी-चोरी' उन दोनों के जोड़ी की अंतिम फिल्म थी। वर्ष 1957 में महबूब खान की ही फिल्म 'मदर इंडिया' में नरगिस ने प्रसिद्ध अभिनेता सुनील दत्त की मां की भूमिका निभाई । फिल्म की शूटिंग के दौरान ही अचानक लगी आग के वक्त अपनी जान जोखिम में डालकर सुनील दत्त ने उन्हें मरने से बचाया था । इस घटना के बाद नरगिस ने कहा था कि 'अब नयी नरगिस का जन्म हुआ है।' 

इसके बाद उन्होंने सुनील दत्त को अपने जीवन साथी के रुप में चुन लिया था।  विवाह के काफी वर्षों बाद उन्होंने वर्ष 1967 में फिल्म 'रात और दिन' में काम किया। इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के  राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पहला मौका था जब किसी अभिनेत्री को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया। उनके नाम कई कीर्तिमान दर्ज है। 

वे प्रथम ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया और  राज्यसभा जाने वाली भी वे पहली अभिनेत्री थीं।  

प्राणघातक बीमारी कैंसर से जूझ रही नरगिस ने वर्ष 1981 की 03 मई को इस संसार को अलविदा कहा।  

उनकी शख्सियत को परवाज देने में महबूब खान साहब की उल्लेखनीय भूमिका रहीं । 

फिराक गोरखपुरी उर्फ रघुपति सहाय के शब्दों में यदि कहें तो

'बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते है।

#भारतीय_सिनेमा_नरगिस_दत्त


उनकी जयंती पर उन्हें सादर नमन!

 ✍©डॉ. साकेत सहाय

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