आओ चलें थोड़ा

 *आओ चलें थोड़ा* 


आओ चलें !

वाहन को

घर पे ही छोड़ते हैं -

कुछ दूर थोड़ा

पैदल चलते हैं -

एक नहीं तो

आधा किलोमीटर चलते हैं -

सवेरे नहीं तो

शाम को चलते हैं -

काम नहीं है तो

बिना काम चलते हैं -


केवलं मैंने लिखा ही नहीं

किसीने गाया भी है -

न हाथी होगा -

न घोड़ा होगा -

वहाँ तो

पैदल ही जाना होगा -


तेल बचाइए -

सेहत बचाइए -

और गुनगुनाते रहिए ,

" जीवन चलने का नाम

चलते रहो सुबह शाम "

आओ चलें थोड़ा!

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