Sunday, November 30, 2025

शब्द विचार-पति-हसबैंड


 आजकल अंग्रेजी शब्द WIFE की बड़ी चर्चा है ऐसे में विचार आया कि आप सभी से अंग्रेजी शब्द HUSBAND और Husbandage के अर्थ को साझा कर लिया जाए ।  इन शब्दों के अर्थ को देखते हुए निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि शब्द संस्कार और संस्कृति के निर्मिति होते हैं ।

पहले HUSBAND-

पति -किसी महिला का जीवनसाथी 

संचय करना / मितव्ययिता से उपयोग करना (पुराना या साहित्यिक अर्थ — क्रिया to husband)

 संसाधनों का समझदारी से उपयोग करना। उदाहरण: We must husband our resources. → हमें अपने संसाधनों का मितव्ययिता से उपयोग करना चाहिए।

वहीं दूसरा शब्द है “Husbandage” 

यह अंग्रेज़ी में बहुत दुर्लभ और कम प्रयुक्त होने वाला शब्द है। इसका अर्थ सामान्यत: प्रबंध प्रभार से लिया जाता है । जिसका हिंदी अर्थ खेती-बाड़ी का संचालन, कृषि प्रबंधन, पशुपालन-सम्बंधी कार्य तथा गृहस्थी संचालन में लिया जाता है ।

हालांकि वर्तमान में यह कम प्रयुक्त होने वाला शब्द है । बैंकिंग प्रणाली में इसका प्रयोग ‘प्रबंध प्रभार’ के अर्थ में लिया जाता है । इसके अर्थ ऊपर भी उल्लिखित है। कृषि पशुपालन के संदर्भ में मानक व विशेष तकनीकी शब्द है -Animal Husbandry Husbandry से अर्थ है-संसाधनों का सावधानी से प्रबंधन; कृषि व फ़सल प्रबंधन, कृषि प्रबंधन / संसाधन-प्रबंधन।

वहीं ‘पति’ शब्द के अर्थ देखें तो मूलत : संस्कृत शब्द “पति” जिसका मूल अर्थ है, स्वामी, संरक्षक, पालक, अधिपति। 

पा से पति बना है  जिसका अर्थ है पालन करना, रक्षा करना।  संभवत : इन्हीं संदर्भों में  “पति” का पर्याय जो रक्षण/पालन करे बना। उदाहरण के लिए , जगत्-पति, गृह-पति । 

‘पति’ के पर्यायवाची शब्द -वर, सहचर/जीवनसाथी,  गृहस्वामी, पति-परमेश्वर (परंपरागत), अर्धांग (साहित्यिक/काव्यात्मक)सामान्य अर्थ: स्वामी, नायक, अधिपति, स्वामी, प्रभु। 

#शब्द_विचार #साकेत_विचार

#husband

Tuesday, November 25, 2025

ही-मैन धर्मेंद्र और हिंदी




हिंदी सिनेमा में  ‘ही-मैन' के नाम से विख्यात धर्मेंद्र नही रहे । धर्मेंद्र को “ही-मैन” के नाम से उनकी फिटनेस, एक्शन-हीरो इमेज और रोमांटिक लीड के लिए जाना गया।  उनकी फिल्मों ने कई पीढ़ियों को प्रेरित किया और वे भारतीय सिनेमा के महान अभिनेताओं में से एक माने जाते हैं। सिनेमा-प्रेमी आज भी उनकी फिल्में देखते हैं और उनकी यादें सदैव जीवित रहेंगी।  साथ ही हम सभी के दिलों में डॉ. परिमल त्रिपाठी की वह 'शुद्ध हिंदी'  और जय की देसी हिंदी, ही-मैन की अल्हड़ हिंदी सब कुछ हमेशा गूंजती रहेगी। फिल्म 'चुपके-चुपके' में उन्होंने हमें सिर्फ हंसाया नहीं, बल्कि एक बहुत बड़ी सीख भी दी। जब धर्मेंद्र (प्यारे मोहन) कहते हैं कि उन्हें अपनी मातृभाषा का मज़ाक उड़ाने का अफ़सोस है, तो हरिपद का वह जवाब आज भी कितना सटीक लगता है:

"तुम भाषा का मज़ाक नहीं बना रहे हो, तुम इंसान का मज़ाक बना रहे हो। भाषा इतनी महान होती है कि कोई उसका मज़ाक बना ही नहीं सकता।" हिंदी सिनेमा के 'व्याकरण' में आप हमेशा अमर रहेंगे।"धर्मेंद्र सिर्फ अभिनेता ही नहीं रहे, वे एक संवेदनशील इंसान और प्रकृति-प्रेमी भी रहे ।

विनम्र श्रद्धांजलि। 🙏🌺

-साकेत सहाय

Sunday, November 16, 2025

शब्द विचार-दावानल

 


शब्द विचार 



दावानल के अर्थ से हम और आप परिचित हैं।  

संस्कृत/प्राकृत से आए शब्द रूप में “दाव” का अर्थ जंगल की सूखी लकड़ी, पत्ते या ज्वलनशील पदार्थ भी होता है — यही अर्थ “दावानल” (दाव + अनल = जंगल का अग्नि-पदार्थ + आग) शब्द बनाता है।

यानी दाव = जंगल का ईंधन / सूखी वन-सामग्री।

इस प्रकार,  ‘दावानल’ अर्थात् वन की आग जो बाँसों या और पेड़ों की दहनियों के एक दूसरे से रगड़ खाने से उत्पन्न होती है और दूर तक फैलती चली जाती है , दनाग्नि -जंगल /वन की  आग । 

सरल शब्दों में, ‘दाव’ का अर्थ है जंगल और  ‘अनल’ का अर्थ है -आग । 

‘दाव’ का अर्थ है जंगल और  ‘अनल’ का अर्थ है -आग । 

#शब्द_विचार 

-✍️ डॉ• साकेत सहाय

#साकेत_विचार


Saturday, November 8, 2025

शब्द विचार -विजन और विज़न

 


दो शब्द हैं -एक है-विजन और दूसरा शब्द है विज़न(vision)

पहले का स्रोत भाषा -संस्कृत और दूसरे का स्रोत भाषा -अंग्रेज़ी । 

पहले संस्कृत-हिंदी के शब्द विजन को समझते हैं - विजन का हिंदी अर्थ है जिसमें अथवा जहाँ आदमी न हो, जनरहित, एकांत, अकेला

निर्जन या एकांत स्थान । हवा करने का पंखा आदि । 

वहीं अंग्रेजी के विज़न शब्द के अर्थ से तो आप सब परिचित ही होंगे ।विज़न(Vision) -दृष्टि / दूरदृष्टि / भावी लक्ष्य / कल्पना आदि । 

#शब्द_विचार 

-✍️ डॉ• साकेत सहाय

#साकेत_विचार

Thursday, November 6, 2025

वंदे मातरम् की 150 वीं वर्षगांठ



 आज 7 नवंबर 2025 को भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम - जिसका अर्थ है “माँ, मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ”- की 150वीं वर्षगाँठ है। यह रचना, अमर राष्‍ट्रगीत के रूप में स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्र निर्माताओं की अनगिनत पीढ़ियों को प्रेरित करती रही है और आज यह भारत की राष्ट्रीय पहचान और सामूहिक भावना का चिरस्थायी प्रतीक है। वंदे मातरम' पहली बार साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में 7 नवंबर 1875 को प्रकाशित हुई थी ।  बाद में, बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने इसे अपने अमर उपन्यास 'आनंदमठ' में इसे शामिल किया, जो वर्ष 1882 में प्रकाशित हुई।  इसे पहली बार 1896 में कोलकाता के कांग्रेस अधिवेशन में रवींद्रनाथ ठाकुर ने संगीतबद्ध किया था। स्वाधीनता आंदोलन में बतौर नारे के रूप में पहली बार ‘वंदे मातरम् का प्रयोग 07 अगस्त 1905 को किया गया था।  वर्ष 1950 में संविधान सभा ने इसे भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया। यह देश की सभ्यतागत, राजनीतिक और सांस्कृतिक चेतना का अभिन्न अंग बन चुका है। इस महत्वपूर्ण अवसर को मनाना सभी भारतीयों के लिए एकता, बलिदान और भक्ति के उस शाश्वत संदेश को फिर से दोहराने का अवसर है, जो वंदे मातरम् में समाहित है। 

✍️ डा. साकेत सहाय

#VandeMataram #वंदे #साकेत_विचार

Saturday, November 1, 2025

सम्राट यहाँ मरने आयेगा क्या

 सम्राट यहाँ मरने आयेगा क्या ? 


भगवती प्रसाद वाजपेयी अपनी किताब 'प्रेमपथ' की भूमिका लिखवाने मुंशी प्रेमचंद जी के पास जा पहुँचे । दोपहर का समय था और भयानक लू चल रही थी । प्रेस से बाहर जहाँ प्रेमचंद बैठे हुए थे, वहाँ पंखे का कोई प्रबंध नहीं थी । प्रेमचंद उस समय प्रूफ़ पढ़ रहे थे । इतने में जाने कहाँ से एक महाशय आ पहुँचे और पूछने लगे - ''मैं उपन्यास सम्राट प्रेमचंद जी से मिलना चाहता हूँ ।'' 

प्रेमंचद पहले तो मुस्कराये, फिर गंभीर होकर बोले : ''इस समय उनसे मिलना नहीं हो सकता । ऐसी लू-लपट में कोई सम्राट यहाँ मरने के लिए क्यों आने लगा । जाइये, उनसे सवेरे भेंट होगी, सो भी अपने घर पर ।''

- उद्भ्रांत ( किताब 'कथाकार भगवती प्रसाद वाजपेयी' से)

संकलन एवं प्रस्तुतकर्ता-डॉ साकेत कुमार सहाय 


सुब्रह्मण्यम भारती जयंती-भारतीय भाषा दिवस

आज महान कवि सुब्रमण्यम भारती जी की जयंती है।  आज 'भारतीय भाषा दिवस'  भी है। सुब्रमण्यम भारती प्रसिद्ध हिंदी-तमिल कवि थे, जिन्हें महा...