सम्राट यहाँ मरने आयेगा क्या

 सम्राट यहाँ मरने आयेगा क्या ? 


भगवती प्रसाद वाजपेयी अपनी किताब 'प्रेमपथ' की भूमिका लिखवाने मुंशी प्रेमचंद जी के पास जा पहुँचे । दोपहर का समय था और भयानक लू चल रही थी । प्रेस से बाहर जहाँ प्रेमचंद बैठे हुए थे, वहाँ पंखे का कोई प्रबंध नहीं थी । प्रेमचंद उस समय प्रूफ़ पढ़ रहे थे । इतने में जाने कहाँ से एक महाशय आ पहुँचे और पूछने लगे - ''मैं उपन्यास सम्राट प्रेमचंद जी से मिलना चाहता हूँ ।'' 

प्रेमंचद पहले तो मुस्कराये, फिर गंभीर होकर बोले : ''इस समय उनसे मिलना नहीं हो सकता । ऐसी लू-लपट में कोई सम्राट यहाँ मरने के लिए क्यों आने लगा । जाइये, उनसे सवेरे भेंट होगी, सो भी अपने घर पर ।''

- उद्भ्रांत ( किताब 'कथाकार भगवती प्रसाद वाजपेयी' से)

संकलन एवं प्रस्तुतकर्ता-डॉ साकेत कुमार सहाय 


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