ही-मैन धर्मेंद्र और हिंदी




हिंदी सिनेमा में  ‘ही-मैन' के नाम से विख्यात धर्मेंद्र नही रहे । धर्मेंद्र को “ही-मैन” के नाम से उनकी फिटनेस, एक्शन-हीरो इमेज और रोमांटिक लीड के लिए जाना गया।  उनकी फिल्मों ने कई पीढ़ियों को प्रेरित किया और वे भारतीय सिनेमा के महान अभिनेताओं में से एक माने जाते हैं। सिनेमा-प्रेमी आज भी उनकी फिल्में देखते हैं और उनकी यादें सदैव जीवित रहेंगी।  साथ ही हम सभी के दिलों में डॉ. परिमल त्रिपाठी की वह 'शुद्ध हिंदी'  और जय की देसी हिंदी, ही-मैन की अल्हड़ हिंदी सब कुछ हमेशा गूंजती रहेगी। फिल्म 'चुपके-चुपके' में उन्होंने हमें सिर्फ हंसाया नहीं, बल्कि एक बहुत बड़ी सीख भी दी। जब धर्मेंद्र (प्यारे मोहन) कहते हैं कि उन्हें अपनी मातृभाषा का मज़ाक उड़ाने का अफ़सोस है, तो हरिपद का वह जवाब आज भी कितना सटीक लगता है:

"तुम भाषा का मज़ाक नहीं बना रहे हो, तुम इंसान का मज़ाक बना रहे हो। भाषा इतनी महान होती है कि कोई उसका मज़ाक बना ही नहीं सकता।" हिंदी सिनेमा के 'व्याकरण' में आप हमेशा अमर रहेंगे।"धर्मेंद्र सिर्फ अभिनेता ही नहीं रहे, वे एक संवेदनशील इंसान और प्रकृति-प्रेमी भी रहे ।

विनम्र श्रद्धांजलि। 🙏🌺

-साकेत सहाय

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