भूले -बिसरे देशरत्न

 
 
आज देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जन्मतिथि है। वास्तव में भारतरत्न थे। तीन बार कांग्रेस की अध्यक्षता करने वाले, संविधान सभा के पहले अध्यक्ष राजेंन्द्र बाबु अजातशत्रु थे। सदैव देशहित के लिए जिए। इसीलिए पटेल,गांधीजी या नेहरु की तरह अपना आभामंडल न तैयार कर पाए। गांधीजी को वास्तव में गांधी बनाने में उनका भी बड़ा योगदान था। चंपारन सत्याग्रह में राजकुमार शूक्ल के साथ उनकी भी भूमिका थी। परंतु,ह्मारे देश में आजादी के बाद उन्हीं नेताओं की पूछ ज्यादा होती है जिसके पीछे बड़ा वोट बैंक हो। उदाहरण आप सभी के सामने है, अंबेडकर, नेहरु,पटेल, (दलित, ब्राहमण,ओबीसी) क्षमा कीजिएगा,इसमें इन नेताओं की गलती नहीं है।

चूंकि, राजेंद्र बाबु के पीछे कोई बड़ा वोट बैंक नहीं था,इसीलिए आज उन्हें कोई टिवटर पर याद नहीं करता। और उनकी जयंती पर कोई बड़ा अभियान नहीं चलाया जाता। सत्ता या विपक्ष सब नंगे है।

Comments

Yogi Saraswat said…
मुझे नहीं लगता ऐसा ! आप हमेशा एक ही आदमी को हमेशा उतना ही सम्मान कैसे दे सकते हैं ! ऐसे तो फिर और किसी का नंबर ही नही आएगा ! वैसे पीएम और पूर्व पीएम ने याद किया उन्हें

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