Tuesday, January 31, 2023

"महात्मा गांधी जी की राष्ट्रभाषा की परिकल्पना"

 "महात्मा गांधी जी की राष्ट्रभाषा की परिकल्पना"




स्वभाषा के प्रयोग और व्यवहार से समाज सशक्त बनता है । राष्ट्रभाषा हिंदी को प्रयोग और व्यवहार में लाकर महात्मा गाँधी ने हिंदी की महत्ता को सशक्तता प्रदान की। 

एक बार काका कालेलकर ने गांधीजी से पूछा कि विष्णु शास्त्री चिपलूणकर महाराष्ट्र के महान् देशभक्त और मराठी के सुप्रसिद्ध लेखक तथा संपादक होते हुए भी अंग्रेज़ी के कट्टर समर्थक क्यों थे और अंग्रेज़ी को शेरनी का दूध क्यों कहा करते थे । हाज़िरजवाब गांधीजी ने तपाक से उत्तर दिया- " ठीक तो है , शेरनी के बच्चे को ही शेरनी का दूध हज़म होगा और

उसे ही फायदा भी करेगा । आदमी के लिए तो माता का दूध ही सबसे अच्छा है । हम अपने को शेर नहीं बनाना चाहते । हमारी संस्कृति की जो विरासत है , वह हमें संस्कृत , हिन्दी और गुजराती ( स्वदेशी भाषाओं ) के माध्यम से ही मिल सकती है । हमारे साहित्य और भाषा में अगर कोई कमी है तो उसे दूर करने में ही हमारा पुरुषार्थ है । अंग्रेज़ी ने पुरुषार्थ के बल पर ही अपना साहित्य और प्रभाव बढ़ाया । अगर हम अंग्रेज़ी को अपनी मातृभाषा बनायेंगे तो वह हमारे लिए सांस्कृतिक आत्महत्या होगी । " हिन्दी का प्रश्न देश के स्वाधीनता संग्राम से अकारण ही नहीं जुड़ गया था । गांधीजी के साथ - साथ देशभर के प्रबुद्ध नेताओं ने स्वतंत्र भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी का महत्व समझा था । देश में आज़ादी की क्रांति चेतना जगाने के लिए देश के सभी प्रांतों के अधिकांश नेताओं ने कुछ समझ - बूझ कर ही हिन्दी का समर्थन किया था । क्या तब उनके समक्ष एक ही ज्वलंत प्रश्न नहीं था - अंग्रेजों को देश से निकालना है और इस कार्य के लिए अखिल भारतीय स्तर पर यदि देशवासियों को उत्तेजित , प्रेरित एवं संगठित करना है तो यह केवल हिन्दी के माध्यम से ही संभव है ।

अंत में, गाँधीजी की आलोचनाओं पर-

हर प्राणवान व्यक्ति की यही नियति होती है।  जिस गांधी  को लोगों ने संत कहा उसी गांधी  को ढोंगी, दंभी, धोखेबाज़ तक कहा। सब कुछ होने के लिए हिया चाहिए। -विष्णु प्रभाकर



Thursday, January 26, 2023

गणतंत्र दिवस की शुभकामना!

 





सभी भारतवासियों को गणतंत्र पर्व एवं वसंत पंचमी की हार्दिक बधाई और अनंत अशेष मंगलकामना! 

यह सुखद संयोग है कि आज विद्या, बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती की पूजन तिथि है। साथ ही आज का दिन हम सभी के लिए बेहद खास हैं क्योंकि आज ही के दिन यानी 26 जनवरी,1950 को हमने अपना संविधान अपनाया और राष्ट्र निर्माण की तरफ अपने कदम बढ़ाए।  आइए, आज हम अपने संविधान निर्माताओं द्वारा किए गए महान कार्य और उनकी दूरदर्शिता को नमन करें। 

26 जनवरी एक ऐसा दिन है जब प्रत्येक भारतीय के मन में देश भक्ति की लहर और मातृभूमि के प्रति अपार स्नेह भर उठता है। ऐसी अनेक महत्त्वपूर्ण स्मृतियां हैं जो इस दिन के साथ जुड़ी हुई है। 26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू हुआ और इस प्रकार सदियों की पराधीनता के बाद दुनिया के समक्ष भारत एक संप्रभुताशाली, समाजवादी, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में अस्तित्व में आया। गणतंत्र दिवस का अवसर हमें देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले महान शहीदों की याद दिलाता है। पहली बार 21 तोपों की सलामी के बाद राष्ट्रीय ध्वज को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने फहराकर 26 जनवरी, 1950 को भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्म की घोषणा की थी। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति ने देश के पहले गणतंत्र दिवस के अवसर पर नागरिकों को जारी अपने संदेश में कहा था:- “हमें स्वयं को आज के दिन एक शांतिपूर्ण किंतु एक ऐसे सपने को साकार करने के प्रति पुन: समर्पित करना चाहिए, जिसने हमारे राष्ट्रपिता और स्वतंत्रता संग्राम के अनेक नेताओं और सैनिकों को अपने देश में एक वर्गहीन, सहकारी, मुक्त और प्रसन्नचित्त समाज की स्थापना के सपने को साकार करने की प्रेरणा दी। हमें इस दिन यह याद रखना चाहिए कि आज का दिन आनन्द मनाने की तुलना में समर्पण का दिन है– श्रमिकों और कामगारों परिश्रमियों और विचारकों को पूरी तरह से स्वतंत्र, प्रसन्न और सांस्कृतिक बनाने के भव्य कार्य के प्रति समर्पण करने का दिन है।" 

भारत अपनी 10,000 वर्ष पुरानी सभ्यता और संस्कृति के साथ सदैव अक्षुण्ण रहेगा। यह संस्कारों की भूमि है।  कभी रोम्यां रोला ने कहा था, ‘यूनानों, मिस्र, रोमां मिट गए जहां से कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। यह बात है हमारे संस्कार, हमारी संस्कृति, हमारे भाव, विचार एवं भाषा की! इन्हीं मंगलकामनाओं के साथ, “भारत की सर जमी यूं ही दुल्हन बनी रहे! सारे जहां में धूम हमारी मची रहे !!

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !

वंदे मातरम्!

भारत माता की जय! 

आप सभी को पुन: गणतंत्र दिवस और सरस्वती पूजा की ढेर सारी शुभकामना🙏

डा. साकेत सहाय Dr Saket Sahay 

#गणतंत्र_दिवस

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Monday, January 9, 2023

विश्व हिन्दी दिवस-२०२३



 'भाषा विश्वं योजयति' अर्थात् भाषा विश्व को जोड़ती है :

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  विश्व हिन्दी दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभकामना संदेश दिया है।

आप सभी को विश्व हिंदी दिवस  की हार्दिक शुभकामनाएं ।!

यह प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य विश्‍व भर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए वातावरण निर्मित‍ करना और हिंदी को अंतरराष्‍ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में भारतीय  दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं।विश्व हिंदी दिवस की मनाने की शुरुआत भुतपूर्व प्रधानमंत्री डॉक्‍टर मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी, 2006 को की थी। तभी से हर वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। आइये जानते हैं विश्व हिंदी दिवस से जुड़ी कुछ बातें।

1. दुनिया भर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए पहला विश्‍व हिंदी सम्‍मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया था. इसलिए इस दिन को विश्‍व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। 2006 के बाद से हर साल 10 जनवरी को विश्वभर में विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।

2. पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्‍टर मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को हर साल विश्व हिंदी दिवस के रूप मनाए जाने की घोषणा की थी।

3. विदेशों में भारतीय दूतावास विश्व हिंदी दिवस के मौके पर विशेष आयोजन करते हैं. सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिंदी में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

4.  विश्‍व के सैंकड़ों व‍िश्‍वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है और पूरी दुनिया में करोड़ों लोग हिंदी बोलते हैं।यही नहीं हिंदी दुनिया भर में सबसे ज्‍यादा बोली जाने वाली पांच भाषाओं में से एक है।

5. दक्षिण प्रशान्त महासागर के मेलानेशिया में फिजी नाम का एक द्वीप है. फिजी में हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है।इसे फिजियन हिंदी या फिजियन हिन्दुस्तानी भी कहते हैं. यह अवधी, भोजपुरी और अन्य बोलियों का मिलाजुला रूप है।

6. पाकिस्‍तान, नेपाल, बांग्‍लादेश, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्‍यूजीलैंड, संयुक्‍त अरब अमीरात, युगांडा, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद, मॉरिशस और साउथ अफ्रीका समेत कई देशों में हिंदी बोली जाती है।

7. साल 2017 में ही ऑक्‍सफोर्ड डिक्‍शनरी में पहली बार 'अच्छा', 'बड़ा दिन', 'बच्चा' और 'सूर्य नमस्कार' जैसे हिंदी शब्‍दों को शामिल किया गया।

8. विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार हिंदी विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है।

आइए, विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर हम सभी शपथ  लें कि भारत देश की आन, बान और शान राष्ट्रभाषा हिंदी की ध्वजपताका को संयुक्त राष्ट्र संघ तक लहरायेंगें और अपने मन कर्म, वचन में राष्ट्रभाषा हिंदी को प्रतिष्ठित करने का प्रयास करेंगें।

इस संकल्प के साथ,

'' यदि आपके इरादे नेक है, ढृढ़ है, तो कोई भी कठिनाई आपको विचलित नहीं कर सकती, आप अपने प्रयासों में नि:संदेह सफलता हासिल करेंगें।''

इन्हीं शुभकामनाओं के साथ पुन: विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनायें !!!

लेखक- 

-डॉ साकेत सहाय

#साकेत_विचार


सुब्रह्मण्यम भारती जयंती-भारतीय भाषा दिवस

आज महान कवि सुब्रमण्यम भारती जी की जयंती है।  आज 'भारतीय भाषा दिवस'  भी है। सुब्रमण्यम भारती प्रसिद्ध हिंदी-तमिल कवि थे, जिन्हें महा...