लेखक निर्धारण की कसौटी
लेखक निर्धारण की कसौटी
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मेरे विचार से लेखक, साहित्यकार की लेखनी देश, समाज के हित में समर्पित हो। देश, काल में विद्यमान जाति, पंथ, मत से परे संस्कार, सार्थक परंपराओं, लोक संस्कृतियों, बोलियों, ऐतिहासिक भाव-बोध के साथ सबसे महत्वपूर्ण जीवन मूल्यों को प्रोत्साहित करने वाली हो यह प्राथमिक लेखकीय दायित्व हो। तभी वह वास्तव में साहित्यकार है अन्यथा सब जुगाड़ू हैं। वरिष्ठ लिखना अनुभव और उम्र का सम्मान है पर दुर्भाग्य से योग्यता के ऊपर पद, पैसा, रसूख़, संपर्क, संबंध, व्यवहार अधिक हावी होते चले जा रहे है। जिससे मूल लेखकत्व कमजोर पड़ता जा रहा है।
डॉ साकेत सहाय
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