लाल बहादुर शास्त्री जी देशभक्त के साथ निष्ठावान ग्राहक भी रहे
जय जवान! जय किसान!
पुण्यतिथि पर शत शत नमन!
एक रोचक संस्मरण
प्रधानमंत्री बनने के बाद भी शास्त्री जी के पास अपनी कार नही थी। जब वे फिएट कार खरीदने गए तो उनके पास 7000 रुपए थे,जबकि कार का मूल्य 12000 रुपये था तो उन्होंने भारत के स्वदेशी बैंक पंजाब नैशनल बैंक से शेष 5000 रुपए का ॠण लिया। बैंक के इस ॠण को लाल बहादुर शास्त्री जी के असामयिक निधन के बाद उनकी धर्मपत्नी ललिता शास्त्री जी ने चुकाया। उनकी पत्नी ने अपनी पेंशन से कार की सारी किस्तें लौटा दी।
यह उनके ईमानदार ग्राहक होने का भी शानदार उदाहरण प्रस्तुत करता हैं !
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