चंद्रयान-३ पर कविता
चंद्रयान 3 का चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक अवतरण !!! आज सभी भारतीय गौरवान्वित हैं!!! वन्दे मातरम्!
एक कविता
संस्कृति की पालना
भारत से
आज मिल ही गई राखी,
चन्दामामा को
भेजी थी भारत माँ ने जो बड़े प्रेम से,
अपने उज्ज्वल सुपुत्र विक्रम के हाथों
विक्रम! ज्ञान, धैर्य व आत्मविश्वास
के साथ
वर्षों से प्रतीक्षित
अपने मामा के आंगन
जब उतरा
तो १३९ करोड़ भारतीयों का रक्षा सूत्र
था इसके पास
और गुणी वैज्ञानिकों का मस्तिष्क
सच में विक्रम
अपने मामा से यही कह रहा होगा,
भारत का हर बच्चा चांद को
मामा के रूप में अब तक जानता था,
दूर गगन से उसकी शीतलता को
अनुभूत भी करता था
पर वह सब सपना था
पर आज
सपना साकार हुआ
जय हो वसुन्धरा की
जय हो चन्दामामा
की
जय हिंद! जय भारत!!
🇮🇳
मिशन चंद्रयान 3
🙏
डॉ साकेत सहाय
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