फ़्रांसीसी राष्ट्रपति का हिंदी ट्वीट

 




इस ट्वीट का बहुत महत्व है। भारत की प्रमुख भाषा हिंदी है ।  इसे विदेशी समझते है। भले हम और आप समझना नहीं चाहते। 

एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष के रूप में फ़्रांसीसी राष्ट्रपति के मन में हिंदी के महत्व और प्रेम हेतु अभिनंदन!  इस ट्वीट में फ़्रांस के राष्ट्रपति भारत की मुख्य भाषा के रूप में हिंदी को तरजीह देते  है। पूर्व में विदेशी राष्ट्राध्यक्षों द्वारा ऐसे नगण्य उदाहरण मिलेंगे। आप सभी को यह प्रसंग ज़रूर याद होगा।  जब सन् 1950 में गणतंत्र बनने के उपरांत भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय संबंध स्थापित करने की दिशा में प्रयास शुरू किए। उस श्रृंखला में श्रीमती विजयलक्ष्मी पंडित को सोवियत रूस में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया। उन्होंने रूस की सरकार को अपने प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किए जो अंग्रेजी में थे, सम्बन्धित अधिकारियों ने प्रमाण-पत्र को स्वीकार करने से मना कर दिया, क्योंकि वे किसी भारतीय भाषा में नहीं थे। राजदूत के रूप में अंग्रेजी में प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर विजयलक्ष्मी पंडित से यह प्रश्न किया गया था- क्या आपकी अपनी कोई भाषा नहीं है? क्या भारत एक गूंगा एवं असभ्य देश है कि उसने अपनी कोई भाषा विकसित नहीं कर पाई है? 

फिर भी अंग्रेज़ी का सम्मान बना रहा। प्रयोग तो ठीक है पर हद से ज्यादा अंग्रेज़ी का सम्मान अनुचित। मुझे यह ट्वीट स्वभाषा चेतना को जागृत करने वाला लगा इसलिए साझा किया। इसके निहितार्थ को समझिए। जो ज़रूरी भी है। 

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