सहिष्णु भारत
चलनी चलल सूप के बोले । जेकरा में बहत्तर छेद।। इस्लामिक संगठन, पाकिस्तान, तालिबान के लिए जिनके यहां दूसरे पंथ को मानने वालों की हैसियत दोयम दर्ज़े की है और तो और वो भी बोल रहे है जिन्होंने एक धर्म विशेष से घृणा के नाम पर वहाँ के मूल निवासियों को ही बाहर धकेल दिया। इस देश में सबका सम्मान रहा है होना भी चाहिए । ईश्वर के सभी दूत पूज्यनीय है। यही मानव धर्म है। इसी मानव धर्म के सबक़ ने दुनिया के समक्ष यह दिखाया है कि कैसे धर्म विशेष के नाम पर बँटवारे के बाद भी इस देश का समाज समरस की भावना के साथ जीता है। लाख ज़ख़्म मिले, पर सहिष्णुता क़ायम रही। इस देश की परंपरा, संस्कृति, मूल्य के आराध्य शिव, राम, कृष्ण का अपमान भी सहिष्णु समाज ने सहन किया। यह देश महादेव ‘शिव’ का है जो सबके कल्याण में रत रहते है। यह हमारा धर्म है कि ईश्वर के सभी दूतों का सम्मान हो और यह मूल भावना सर्व समाज में होनी चाहिए। पर यह भी विचारणीय है कि कश्मीर में आए दिन हो रही हत्याओं का वहाँ की कश्मीरियत कभी खुलकर विरोध नहीं करती। इस देश ने विभाजन और षड्यंत्र का ज़हर बहुत पीया है, अब ...