भारतीयता - एक विचार
भारतीयता हमें जोड़ना सिखाती है, तोड़ना नहीं !
बौद्ध, जैन, सिख विचार धारा के प्रवर्तक मूल रूप से समाज सुधारक थे, कुछ लोग जान-बूझकर सनातन परंपरा को कमजोर करने के लिए इन परंपराओं को विभाजित करने का कार्य करते है। आज भी सनातनी समाज के लोग अपने घरों के पूजा स्थलों में गौतम बुद्ध, महावीर, गुरु नानक महाराज और गुरु गोविंद सिंह महाराज आदि को श्रद्धा एवं सम्मानपूर्वक रखते है। ये हमारे लिए प्रात: वंदनीय है। बाकी कुछ दोयम दर्जे के लोग है जो उनके नाम पर अपनी दुकानदारी चला रहे है। इनसे डरने की जरूरत नहीं।
सनातन समाज अपने गुण धर्म के बल पर सदियों से अस्तित्व में है। कितने ही लुटेरे गोरी, गजनी, मंगोल, चंगेज, मोहम्मद बिन कासिम, बाबर, औरंगजेब, अंग्रेज, जिन्ना आदि दुष्ट, नीच आए पर यह समाज अपने सत्य बल पर सदैव जीवंत रहा, आगे भी रहेगा, बस अपनी भारतीयता को बनाए रखें।
हम ब्रह्मा -विष्णु -महेश , राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, वाल्मीकि, अगस्त्य, रविदास, कबीर, रामानुज, गुरुनानक, गुरू गोविन्द सिंह, विवेकानन्द, भगत सिंह, अशफ़ाक उल्ला, इब्राहीम गार्दी, कलाम, तिलक, अम्बेडकर, राजेन्द्र प्रसाद जैसे पुरखों की संताने है।
गुरु गोविन्द सिंह और गुरु तेग बहादुर महाराज तो हमारे लिए विशेष वंदनीय है।
श्रीराम और गौतम बुद्ध भारतीय संस्कृति के प्रसारक है।
#भारतीयता हमें जोड़ना सिखाती है, तोड़ना नहीं।
#एक_भारत _श्रेष्ठ_भारत
©डॉ साकेत सहाय
#साकेत_विचार
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