नई शिक्षा नीति और भारतीय भाषा

 मातृभाष में उच्च शिक्षा ? मोदी जी का चुनावी जुमला या हक़ीक़त?पर सबसे जरुरी यह कि अखिल भारतीय स्तर पर मातृभाषा की परिभाषा तय हो। अन्यथा भाषाई मूढ़ता और अंग्रेजियत से प्रेम के कारण मातृभाषा फिर से संविधान के अनुच्छेद 351 के संदेश का अपमान साबित होगा? सत्ता की नीति भारत को भाषिक असमानता की ओर पुन: धकेलगी। अखिल भारतीय स्तर पर हिंदी ही शिक्षा का माध्यम बन सकती है। पर इसके लिए पुस्तक लेखन, अनुवाद और शोध पार ज़ोर देना होगा। 

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