Posts

Showing posts from August, 2014

जीवन

मानव जीवन से जुड़ी सारी चीजें स्वयं एक कहानी है। चाहे इसे 140 शब्दों में लिखें या 14000 या 1400000 में मतलब एक ही है जिंदगी बाधाओं, सफलताओं, रुसवाईयों से गुजर कर ऊपर जाने का नाम है। साकेत सहाय ब्लॉग www.vishwakeanganmehindi.blogspot.com

हिंदी का प्रश्न

बार-बार मन में यह प्रश्न कौंधता है कि देश की भाषा समस्या का कारण क्या है ?  क्या यह समस्या एक विशेष भाषा से राजनैतिक दुराव की देन है या अंग्रेजीवादी मानसिकतावादी से एक अतिरिक्त लगाव की उपज।  दोनों ही विचार मन में आते है।  लेकिन इस स्थिति का जिम्मेवार कौन है ? जबकि संविधान सभा ने  सर्वसम्मति से हिन्दी को राजभाषा घोषित किया था। हमारे जन प्रतिनि‍धियों ने भी हिन्दी की महत्ता एवं गुणों को स्वीकारते हुए वर्ष 1947  में ही इसे संघ की राजभाषा के रुप में स्वीकार किया था।  क्या हमारी राजभाषा भी सरकार के अन्य चिन्हों,  प्रतीकों की तरह प्रतीकवाद की शिकार हो गई ? हम सभी इसका दोष आसानी से राजनैतिक दलों या सरकार को देते है।  परंतु, क्या हमने अपने अंदर कभी झाँकने की कोशिश की है ?  कि हम सभी अपने कर्तव्य पालन हेतु कितने तत्पर है? हिन्दी महज भाषा नही वरन् राष्ट्रवाद की प्रतीक है।  फिर क्यों हम अपने तथाकथित राजनैतिक, व्यक्तिगत हितों के तले राष्ट्रनायकों की वास्तविक इच्छा को रौंद रहे है।  और – तो - और, जिन राजनैतिक वजहों से हिंदी वास्तविक सत्ता को प्राप्त नहीं कर पाई तो वहीं दूसरी भारतीय भाषा