हनुमान जयंती

आज हनुमान जयंती है। हनुमानजी सर्वप्रिय देवता है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के अनन्य भक्त के रूप में आप सर्व पूजनीय है। आज ही के दिन माता अंजनी की गोद में बजरंग बली बालरूप में प्रकट हुए थे। यह अद्भुत संयोग है कि चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी पर प्रभु श्रीराम जन्मे और उनके अनन्य भक्त पूर्णिमा की तिथि को। राम भक्त हनुमान जी निर्भयता, विश्वास के देवता हैं। यह उनका स्वयं एवं प्रभु के ऊपर विश्वास ही था जो पृथ्वी की जीवन धारा के प्रतीक सूर्य को मुंह में रख लेने से लेकर समुद्र लांघने, ताड़का वध तक के काम उनसे करवा देता है। डर के आगे जीत है। डर को जीतने की कला में वे निपुण हैं। हनुमान जी से यह सीखा जा सकता है कि जिसने भी उनके मन में भय पैदा करने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी बुद्धि और शक्ति के बल पर उनको हरा कर आगे बढ़ गए। डर को जीतने का पहला प्रबन्धन सूत्र हनुमान जी से सीखा जा सकता है कि अगर आप विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ना चाहते हैं तो बल और बुद्धि दोनों से काम लेना आना चाहिए। जहां बुद्धि से काम चल जाए वहां बल का उपयोग नहीं करना चाहिए। रामचरित मानस के सुंदरकांड का प्रसंग है “...