Sunday, February 18, 2024

ओरियंटल बैंक ऑफ़ कॉमर्स(ओबीसी) स्थापना दिवस

 सुनहरी यादें ❤️

ओरियन्टल बैंक ऑफ़ कॉमर्स  स्थापना दिवस के अवसर पर सुनहरी यादों की हार्दिक बधाई! संगठन भले समय के साथ समाहित हो जाए परंतु उसके द्वारा निर्मित संस्कार एवं संस्कृति सदैव आपके भीतर जीवंत बने रहेंगे। 🙏🌺

एक बार फिर से वहीं पोस्ट जिसे वर्ष २०२० में मैंने लिखा था, आशा है यह पोस्ट आप सभी को पुन: यादों के संजाल में ले जाएगा। 


‘ओरियन्टल बैंक ऑफ़ कॉमर्स’ (१९४३-२०२०)

आज बैंक का एक और स्थापना दिवस है।भले ही यह संगठन अब इतिहास हो गया । पर इसके द्वारा निर्मित संस्कार अभी भी जिंदा है । कुछ चीजें हमारे-आपके वश में कभी नहीं रहती। नियति ही सब कुछ तय करती है। पर एक मानवीय स्वभाव है -लगाव होना।  यहीं लगाव हमें प्रकृति से, अपनों से जोड़ती है। प्रकृति से जुड़ाव ही  संसार को सशक्त बनाता है, जिससे व्यक्ति, समाज व संगठन का निर्माण होता है।  संगठन भी तो परिवार की ही भांति होते हैं, जिससे बिछुड़ने की टीस हम सभी में ताउम्र बनी रहती है। यहीं कारण है कि हम सब चाहकर भी ओबीसी के हरे बोर्ड और इसकी  प्यारी धुन ‘where every individual committed ‘ से मोह नहीं हटा पाते। यह प्यार, लगाव अब कहाँ मिलेगा,  एक परिवार की तरह अपनापन, सब लोग आपस में मिले हुए, जुड़े हुए ।   पर विछोह जहाँ एक पीड़ा, वहीं एक प्रक्रिया भी है। अब बैंक नहीं रहा, ना कभी दुबारा खुलेगा, क्योंकि सरकार ने इसे समामेलित कर दिया ।  पर इसकी बेहतर कार्य-संस्कृति हम सभी के रूप में सदैव विद्यमान रहेगी ।  

इस दुनिया में बहुत कुछ बदल जाता है, पर कुछ चीजें जो नहीं बदलती वह हमारे-आपके भीतर अन्तर्निहित है। वैसे भी संस्थान, मात्र संस्थान की ही निमित्त नहीं होते। संस्थान तो संस्कार का निर्माण करते है जिससे एक बेहतर कार्य-संस्कृति पुष्पपित-पल्लवित होती है।  ओ बी सी ने हम सभी के भीतर एक सशक्त संस्कृति का बीजारोपण किया है। जो हमें हर परिस्थिति से पार पाना सिखाती है। संस्थान भले किसी में आमेलित, मर्ज़ हो जाए, पर यह संस्कृति हमारे भीतर, आपके भीतर सदैव जिंदा रहेगी।  बतौर कर्मचारी मेरे लिए ओबीसी एक ऐसे संस्थान के रुप में बना रहेगा , जिस पर हमें गर्व है।  मुझे सदैव गर्व  रहेगा इस संस्थान से जुड़ने का। 

चीजें कभी एक जैसी नहीं रहतीं, बदलती रहती है । हमें भी लगातार आगे बढ़ना है।  पर एक अफसोस सदैव बना रहेगा कि एक जीवंत संगठन ख़त्म हो गया, पर इसके सशक्त संस्कार हम सभी के रुप में सदा जीवंत बने रहेंगे। 

पुन: आप सभी को ओरियन्टल बैंक ऑफ़ कॉमर्स  के स्थापना दिवस की यादों की बधाई! 🙏🌺

©डा. साकेत सहाय

लेखक

१९.०२.२०२५


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