खस्ताहाल श्रीलंका से सबक
खस्ताहाल श्रीलंका से सबक
कथित विकास की चमक से दूर रहने की सीख लेनी चाहिए विशेष रूप से दक्षिण एशिया के छोटे देशों को। याद कीजिए कभी अमेरिका के चलते पाकिस्तान के, कभी चीन के कारण श्रीलंका के विकास के कसीदे पढें जाते थे। आजकल बांग्लादेश के कसीदे पढें जा रहे है । पर भारत विरोध की हथियार पर चीन के ये दोस्त अपनी संप्रभुता खोते जा रहे हैं । कोरोना संकट के कारण श्रीलंका बुरी तरह प्रभावित हुआ है। चीन के कर्ज, कोरोना से प्रभावित पर्यटन उद्योग के कारण श्रीलंका की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमराई है। इस बीच सरकारी व्यय में बढ़ोत्तरी तथा करों में कटौती ने अर्थव्यवस्था को और कमजोर किया।
बहरहाल, श्रीलंका की सेना इस अनियंत्रित स्थिति को संभालने की कोशिश कर रही है । भारत सरकार भी संवेदनशील है। यह हम सभी के लिए एक सबक है । मीडिया और विपक्षी नेताओं की हर समय आलोचना की शिकार रही भारत की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन जी बधाई की पात्र हैं । उन्होंने इस विपरीत परिस्थिति में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अपने काम को अनुशासित तरीके से संभाला है। सरकार की कुशल नीति यह रही कि इतनी बड़ी आबादी वाला राष्ट्र आजादी के बाद 21वीं सदी के सबसे क्रूर समय में अपनी अर्थव्यवस्था को संभाल रहा हैं । साथ ही हमारी जन-वितरण प्रणाली भी जो जंग खाकर भ्रष्टाचार में लहालोट थीं, वह भी डिजिटल नवोन्मेष से सुधार की ओर है और गरीबों को अनाज सफलतापूर्वक वितरित हो रहा है ।
अंत में, एक संदेश सत्ता विरोध में बिना शोध के चीन के झूठ पर भरोसा करें, बांग्लादेश को अमेरिका बना दे पर भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत होते बुनियाद की भी प्रशंसा करें ।
जय हिंद !
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