यशपाल हिंदी साहित्यकार






"मैं जीने की कामना से, जी सकने के प्रयत्न के लिए लिखता हूँ। बहुत चतुर और दक्ष न होने पर भी यह बहुत अच्छी तरह समझता हूँ कि मैं समाज और संसार से पराङ्मुख होकर असांसारिक और अलौकिक शक्ति में विश्वास के सहारे नहीं जी सकूँगा।" -यशपाल

 'मैं क्यों लिखता हूँ'  

आज यशस्वी कथाकार व निबन्धकार यशपाल जी की पुण्यतिथि हैं ।महान कथाकार यशपाल जी का स्मृति दिवस पर उन्हें शत-शत नमन! झूठा-सच के लेखनीकार क्रांतिकारी यशपाल जी के कृतित्व को नमन! यशपाल जैसे कलमकार राष्ट्रभाषा हिंदी की सशक्तता को स्वर देते हैं, यशपाल की मजबूत लेखनी उन भाषा विमर्शकारों की कल्पित आवाज के लिए एक सबक हैं जिनके लिए हिंदी मात्र उत्तर भारत की भाषा हैं । सादर नमन! यशपाल जी 

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 #यशपाल 

#साकेत_विचार

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