संविधान दिवस

 #संविधान_दिवस


आइए ! संविधान को सशक्त करने में अपना योगदान दें। 


संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अपने समापन भाषण में समिति को संबोधित करते हुए कहा था  "यदि लोग, जो चुनकर आएंगे योग्य, चरित्रवान और ईमानदार हुए तो वह दोषपूर्ण संविधान को भी सर्वोत्तम बना देंगे। यदि उनमें इन गुणों का अभाव हुआ तो संविधान देश की कोई मदद नहीं कर सकता। आखिरकार एक मशीन की तरह संविधान भी निर्जीव है। हमारे में सांप्रदायिक, जातिगत, भाषागत और प्रांतीय अंतर है। इसके लिए दृढ़ चरित्र वाले और दूरदर्शी लोगों की जरूरत है जो छोटे छोटे समूह तथा क्षेत्रों के लिए देश के व्यापक हितों का बलिदान न दें।"


इस संबोधन से स्पष्ट है कि देश को एक सशक्त, पारदर्शी नेतृत्व की जरूरत प्रारंभ से ही रही है। ऐसा नेतृत्व जो देश के व्यापक हितों को समझे।  न कि छोटे-छोटे समूहों तथा क्षेत्रों के लिए देश के व्यापक हितों का बलिदान करें  


आधुनिक भारत के लिए महत्वपूर्ण तिथि 26 नवंबर, 1949 को  संविधान सभा के ड्राफ्टिंग समिति के चेयमैन डॉ ॰ बी आर आंबेडकर संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद को भारतीय संविधान की मूल प्रति सौंपते हुए। 

आइए भारतीयता एवं मानवता के लिए संविधान के मूल अर्थ को समझें। 

 सादर

 डॉ  साकेत  सहाय

 जय हिंद ! जय हिंदी !!


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