भारतीय रेल दिवस

आज का दिन भारतीय परिवहन के लिए विशेष है। आज ही के दिन भारतीय रेल की शुरुआत हुई थी। 16 अप्रैल, 1853 को पड़ी बुलंद नींव की यह देन है कि आज भारतीय रेल के यात्री वंदे भारत, राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस और संपर्क क्रांति एक्सप्रेस जैसी तेज और सुविधाजनक रेलगाड़ियों से यात्रा करते हैं। इस विशिष्ट यात्रा को तय करने में रेलवे को 172 साल लग गए हैं। रेलवे ने अखण्ड भारत को देखा है और विभाजित भारत को भी देखा है। रेलवे ने बँटवारे की त्रासदी को भी भोगा है। भारत में रेलवे की शुरुआत लॉर्ड डलहौज़ी द्वारा की गई थी। 16 अप्रैल 1853 के दिन ही भारत में पहली बार रेल ने रफ्तार पकड़ी थी। देश में मुंबई के बोरीबंदर से ठाणे के बीच पहली यात्री (पैसेंजर) गाड़ी चलाई गई थी। इस ट्रेन को साहिब, सुल्तान, और सिंध नाम के तीन इंजनों ने खींचा था। इस ट्रेन में 13 डिब्बे थे और इसमें 400 यात्री सफ़र करने आए थे। रेल के निर्माण का श्रेय सर आर्थर कॉटन को दिया गया था। भारतीय रेल के इस छोटे से सफर ने देश में परिवहन की संपूर्ण तस्वीर ही बदल दी थी। आप सभी को राष्ट्र की जीवन...