महाशिवरात्रि विशेष



 सनातन धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव समस्त जगत के आदि कारक माने जाते हैं। उन्हीं से ब्रह्मा, विष्णु सहित समस्त सृष्टि का उद्भव होता  है। जगत के प्रारंभिक ग्रंथों में से एक 'वेद' में इनका नाम रुद्र है। वे व्यक्ति की चेतना के अर्न्तयामी हैं । हमारे यहाँ शिव का अर्थ कल्याणकारी माना गया है। भगवान शिव से जुड़ी एक कथा हैं- 

'एक बार माँ काली क्रुद्ध अवस्था में थीं।  देव, दानव और मानव सभी उन्हें रोकने में असमर्थ थे। तब सभी ने माँ काली को रोकने हेतु भगवान शिव का सामूहिक स्मरण किया।  शिवजी ने भी यह अनुभव किया कि माता काली को रोकने का एकमात्र मार्ग है -प्रेम और वे माँ काली के मार्ग में लेट गए। माँ काली ने ध्यान नहीं दिया और उन्होंने उनकी छाती पर पैर रख दिया।  अभी तक महाशक्ति ने जहाँ-जहाँ कदम रखा था, वह जगह नष्ट हो गया था। पर यहां अपवाद हुआ । माँ काली ने जब देखा उनका पैर भगवान शिव की छाती पर हैं, वे पश्चाताप करने लगीं। इस कथा का सार यहीं हैं कि हर कठिन कार्य का सामना आत्म बल  के साथ किया जा सकता हैं।

इसी संकल्प के साथ आप सभी को महाशिवरात्रि के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामना! भगवान महादेव से देश, समाज व संगठन के समृद्धि की प्रार्थना करता हूँ। सादर                                                    🙏

जय शिव-शंकर! 

©डा. साकेत सहाय

Hindisewi@gmail.com

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