मैं ब्लॉगर, साकेत कुमार सहाय, संप्रति हिन्दी विषय में शोधरत हूँ। मेरे शोध प्रबंध का विषय है भारतवर्ष में इलेक्ट्रानिक मीडिया और हिन्दी :1990 के दशक के बाद। मान्यवर मेरा शोध प्रबंध हिन्दी से जुड़ा हुआ है जो कि केवल राजभाषा ही नहीं बल्कि हमारी राष्ट्रभाषा व संपर्क भाषा भी है। हिन्दी सदियों से इस विशाल देश को सांस्कृतिक, राजनैतिक, सामाजिक, भाषायी व धार्मिक रुप से जोड़ती आई है। इसने देशवासियों को राष्ट्रभाषा के अभाव की कमी से मुक्ति प्रदान की है। जिस प्रकार आजादी की लड़ाई में हिन्दी ने संपूर्ण देश के स्वतंत्रता सेनानियों को एक-दूसरे से जोड़ा और आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसी प्रकार आधुनिक राष्ट्र के निर्माण में भी हिन्दी ने देश वासियों को कश्मीर से कन्याकुमारी तक तथा पोरबंदर से लेकर सिल्चर तक जोड़ा है।
मित्रों, हिन्दी को लोकप्रिय बनाने तथा जन-जन तक इसे पहुँचाने में इलेक्ट्रानिक मीडिया की भूमिका से शायद ही किसी को इंकार हो। विशेषकर 1990 के दशक के बाद। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के चैनलों ने हिन्दी भाषा व संस्कृति को व्यापक रुप से प्रभावित किया है। इन्ही तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए मैंने इस विषय को चुना। इस महत्ती कार्य में आप सभी के सहयोग एवं सान्निध्य की आवश्यकता है। इसके लिए मैंने एक प्रश्नावली तैयार की है जो कि मेरे ब्लॉग पोस्ट पाठकों से प्रश्न पर उपलब्ध है। जो मुख्यत: शोध प्रबंध पर केंद्रित है। आप सभी से मेरा अनुरोध है कि आप सभी इस महत्वपूर्ण विषय पर अपनी टिप्पणियां अवश्य दें। आप सभी की बहुमूल्य टिप्पणियां न केवल मेरे शोध प्रबंध बल्कि राष्ट्रभाषा के संवर्धन में भी योगदान देंगी। मैं आप सभी के सहयोग हेतु सदैव आभारी रहूँगा।
सादर अभिवादन
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हिंदी विश्व में भारतीय अस्मिता की पहचान है। हिंदी भारत की राजभाषा,राष्ट्रभाषा से आगे विश्वभाषा बनने की ओर अग्रसर है।
Sunday, September 19, 2010
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