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Showing posts from 2017
हिंदी मीडियम- भारत की स्वतंत्रता के बाद वैचारिक राजनीति के पुरोधा के रूप में छा जाने वाले नेताओं में डॉ. राममनोहर लोहिया का नाम एक प्रमुख नाम है। उनके भाषण, लेख आज भी हमारा मार्गदर्शन करते रहते है। लोहिया जी ने भाषा के सवाल पर एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया था। उन्होंने साबित किया था कि हिंदी के मुकाबले अंग्रेजी कमतर ही है, परंतु उसके प्रति लोगों के मोह से वे दु:खी रहते थे। 'हिंदी के सरलीकरण की नीति' में उल्लेख करते है हिंदुस्तानी में करीब सात लाख शब्द हैंजबकि अंग्रेजी में करीब 2.5 लाख। इसके अलावा अँग्रेजी के शब्द गढ़ने की शक्ति नष्ट हो चुकी है जबकि हिंदी अपनी जबानी पर भी नहीं चढ़ी है। संसार की सबसे धनी भाषा है हिंदी, लेकिन बर्तनों पर धरे-धरे काई जम गई है। ये बर्तन माँजने पर ही चमकेंगे। लोहिया जी हिंदी-उर्दू एकता के हिमायती थे। वे हिंदुस्तानी की बात कहते थे।
कितनी कारगर होगी कालेधन की नई योजना ? केन्द्र सरकार ने कालाधन रखने वालों को स्वेच्छा से कालाधन घोषित कर इसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत जमा करने का एक और अवसर दिया है।  योजना के अंतर्गत कालेधन धारकों को करेंसी के रूप में रखी कालाधन और फर्जी खातों में पड़े पैसों को घोषित कर जमा करने का मौका दिया जा रहा है और इसके तहत उनकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी। इस योजना के तहत कालाधन घोषित करने वालों पर 50 फीसदी पेनाल्टी लगेगी।  साथ ही 25 फीसदी रकम को चार साल तक लॉक-इन पीरियड में रखा जाएगा।  इसके बाद बचे हुए धन को बतौर कर युक्त राशि के रूप में अपने खातों में जमा करवा सकते हैं।  सरकार के मुताबिक इसके तहत जो अपने कालेधन को घोषित नहीं करते।  पकड़े जाने पर उन्हें 77 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक टैक्स और पेनाल्टी अदा करना पड़ेगा।  इसके अलावा सरकार ने आयकर नियमों में भी सुधार करते हुए कर चोरी के रास्तों को बंद करने का फैसला किया है। साथ ही , विमुद्रीकरण के बाद उन सभी खातों के गहन जांच का भी फैसला किया गया है जिसमें बड़ी मात्रा में पैसा जमा किया गया है।  वर्तमान सरकार ने सत्ता में